केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलकाता में आयोजित श्यामा प्रसाद मुखर्जी लेक्चर के दौरान चीन के साथ रिश्तों से लेकर अनुच्छेद 370 और कश्मीर पर नेहरू सरकार की नीतियों पर अहम बातें कहीं हैं.
चीन के साथ रिश्तों पर जयशंकर ने कहा, “चीन और भारत के बीच रिश्तों में गिरावट हमारी वजह से नहीं आई है. इसके लिए चीन ज़िम्मेदार है. उसने 1993 और 1996 में हुए दो समझौतों का उल्लंघन करते हुए अपनी सैन्य टुकड़ियों को एलएसी के पार भेजा.”
“ऐसे में हमारे बीच में अच्छे रिश्ते बनने के लिए चीन को इन समझौतों का मान रखना होगा. चीन को अपनी ओर से यथास्थिति को बदलने के प्रयास बंद करने होंगे.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘ताली एक हाथ से नहीं बजती है. चीन को भी एक चलने लायक रिश्ते में यकीन बनाना होगा.’
वहीं, जम्मू-कश्मीर और अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर उन्होंने कहा कि “एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे.”
इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मुद्दे पर कश्मीर पर नेहरू सरकार की नीति की आलोचना की.
उन्होंने कहा, “श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू से कहा था कि कश्मीर को लेकर आपकी नीति ने देश के भीतर और बाहर इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है. सरदार पटेल ने भी इस बारे में कहा था कि ये अपने हितों को दूसरों के आगे छोड़ देने जैसा था.”
इसके बाद एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “1947 में की गई भूल को हमने सुधार लिया है. इस पर चर्चा हुई लेकिन अगर आप कोई ग़लती को ऐसे ही छोड़ देंगे तो दुनिया उसका फायदा उठाएगी और इसका नुक़सान हमें झेलना पड़ेगा.”