बृजमोहन अग्रवाल के हटने ही कांग्रेस इस सीट को आसान मान रही है
रायपुर के आठ बार के विधायक और कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने और विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके रायपुर के उत्तराधिकारी को लेकर एक बार फिर से सियासत गरमा हुई है । भारतीय जनता पार्टी में जहां बहुत से दावेदार सक्रिय हो गए हैं तो वहीं बृजमोहन अग्रवाल के हटने के बाद कांग्रेस इस सीट को आसान मान रही है।
रायपुर दक्षिण से लगातार 8 बार विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल ने विधायकी पद छोड़ा, तो बेहद भावुक नजर आए। करीब 40 साल वो रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से अपराजेय रहे। अब जब सांसद बनने के बाद बृजमोहन दिल्ली जा रहे हैं तो अपने पीछे एक सवाल छोड़ गए कि उनके बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। इसे लेकर सियासी गलियारों में अटकलों और कयासों का बाजार गर्म है। खैर इसका फैसला पार्टी हाईकमान करेगी। इस बीच बीजेपी नेता राजेश मूणत ने कांग्रेस को चुनौती दी है कि रायपुर का छोटा सा कार्यकर्ता भी कांग्रेस को पटखनी देने के लिए तैयार है। इस चुनौती पर कांग्रेस ने जवाब दिया कि सत्ता आती-जाती रहती है, बीजेपी इतना अहंकार नहीं करे।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर बीजेपी को रायपुर दक्षिण सीट से जिताऊ प्रत्याशी की तलाश है। बीजेपी के मजबूत किले में दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। इसमें पूर्व सांसद सुनील सोनी, प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, और धरसीवां के पूर्व विधायक देवजी पटेल, युवा चेहरे में अनुराग अग्रवाल, दिपक उज्जवल के नाम की चर्चा है। हालांकि बीजेपी इनके अलावा किसी नए चेहरे पर भी दांव खेल सकती है। आखिरी फैसला तो दिल्ली से होगा लेकिन छत्तीसगढ़ बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वो रायपुर दक्षिण सीट पर अपना जीत का रिकॉर्ड टूटने न दे।