अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में कुछ महिलाओं ने मार्च निकाला. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे तालिबान सरकार को मान्यता न दें.
क़रीब 25 महिलाओं ने इस मार्च में हिस्सा लिया.
अफ़ग़ानिस्तान में इस तरह के मार्च पर रोक है. अगले सप्ताह दोहा में संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन्स) की बैठक है और ऐसी ख़बरें आई हैं कि इस समूह को मान्यता देने के संबंध में बातचीत हो सकती है.
अफ़ग़ानिस्तान में 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से महिलाओं की स्थिति ख़राब हुई है. उनके उच्च शिक्षा हासिल करने पर रोक लगा दी गई और कई नौकरियों में उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है.
अब तक किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है.
इस पर तालिबान का कहना है ‘इस तरह की बैठकों में शामिल नहीं होने देने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा.”
यह बैठक 1-2 मई को होनी है. यूनाइटेड नेशन्स के प्रवक्ता स्टीफ़न डुजारिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को कहा, ”यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने तालिबान के प्रतिनिधियों को दोहा बैठक में नहीं बुलाया है.”