छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज सर्वसम्मति से नया आरक्षण विधेयक पारित कर दिया गया. इस विधेयक में आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्ग के लिए 4 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान है.
राज्य में आदिवासियों की 32 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी.
इसके अलावा अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रखा गया है. राज्यपाल के स्वीकृति के बाद असाधारण राजपत्र में इसका प्रकाशन किया जाएगा और राज्य में उसी दिन से आरक्षण की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी.
हालांकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इस पर आपत्ति की कि राज्य सरकार जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण देने की बात कह रही है लेकिन क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश ही नहीं की गई है.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने तीन साल पहले पूरे देश में सर्वाधिक 82 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी. लेकिन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी.
इस साल 19 सितंबर को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा पुरानी आरक्षण व्यवस्था को भी ‘असंवैधानिक’ बता कर रद्द कर दिया था. इसके बाद से राज्य में आरक्षण का कोई रोस्टर लागू नहीं था.