मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि निचली अदालत के जज गंभीर मामलों में ज़मानत देने से बचते हैं क्योंकि उन्हें एक तरीके का डर होता है. वे डरते हैं कि कहीं बेल देने पर उन्हें निशाना न बना लिया जाए.
उन्होंने कहा कि निचली अदालत के जज ऐसा इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें अपराध की समझ नहीं है, बल्कि वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनके अंदर एक डर की भावना है.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आयोजित अभिनंदन समारोह में बोलते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “निचली अदालतों के कारण शीर्ष अदालतें ज़मानत याचिकाओं से भर गई हैं.”
जब मुख्य न्यायाधीश ज़मानत याचिकाओं से जुड़े मुद्दे पर बोल रहे थे,तब कार्यक्रम में क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे.
क़ानून मंत्री ने कई वकीलों के केस ट्रांसफर से जुड़े मसले पर चिंता ज़ाहिर की है.
उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि कुछ वकील केस के ट्रांसफर को लेकर मुख्य न्यायाधीश से मिलना चाहते हैं. ये किसी एक मामले में हो सकता है लेकिन अगर यह आदत बन जाती है तो पूरा आयाम बदल जाएगा.”