कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सावित्री मंडावी को जीत मिली है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम को 21171 हजार वोटों से चुनाव हारा दिया है. इस चुनाव से पहले ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर होगी.लेकिन मतगणना के दौरान ब्रह्मानंद नेताम पहले राउंड से पिछड़ते गए. आखिर तक वो सावित्री मंडावी को टक्कर नहीं दे पाएं।
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कौन है सावित्री मंडावी : भानुप्रतापपुर से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी राजनीति में आने से पहले सराकरी स्कूल में लेक्चरर थी. पति के निधन और उपचुनाव की डेट घोषित होने के बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. सावित्री मंडावी को कुल 65 हजार 327 वोट मिले जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 44229 वोट मिले.
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आदिवासी फैक्टर सबसे अहम : इस सीट में आदिवासियों का दबदबा रहा है.लिहाजा दोनों ही पार्टियों ने आदिवासी कैंडिडेट को अपना प्रत्याशी चुना. लेकिन कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी आदिवासियों का मन जीतने में कामयाब नहीं हो पाई.
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ब्रह्मानंद नेताम घटनाक्रम :चुनाव से पहले बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम पर रेप जैसे संगीन आरोप लगे. नेताम को गिरफ्तार करने के लिए झारखंड पुलिस भी आई।
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मनोज मंडावी के किए हुए काम :विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी अपने स्वभाव के लिए जाने जाते थे.इलाके में उन्होंने कई विकास कार्य मौजूद रहकर करवाए. जिसका असर इस विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है.
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अकबर राम कोर्राम का दम: इस चुनाव में सबसे ज्यादा सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम छाए रहे. शुरू से माना जा रहा था कि मुख्य टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है, लेकिन अकबर राम कोर्राम ने शुरुआती राउंड में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद को भी पछाड़ दिया और दूसरे नंबर तक पहुंच गए थे. हालांकि बाद में भाजपा ने वापसी की लेकिन कांग्रेस ने शुरुआत से लेकर अंत तक लीड बनाए रखी