पटना. गांधी मैदान में बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर जिन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नियुक्ति पत्र बांटे इसपर बिहार में राजनीति गर्म है. भाजपा इसे नियुक्ति घोटाला बता रही है. बीजेपी नेता और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के अंदर झूठ और फरेब की खेती शुरू हुई है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, नीतीश सरकार नियुक्ति की प्रक्रिया का ढोल बजा रही है. ये नियुक्ति नहीं प्रतिनियुक्ति है. इसमें न तो विज्ञापन निकला, न ही परीक्षा हुई तो फिर नियुक्ति कैसी? नेता प्रतिपक्ष ने कहा, गांधी मैदान में हो रही नियुक्ति के पहले से ही नियुक्ति पत्र डीआईजी शिवदीप लांडे के द्वारा बांटे गए थे. वहीं नेता प्रतिपक्ष ने कई बहाली के तिथियों का जिक्र भी किया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि नियुक्ति पत्र को दोबारा कैसे दे रहे हैं.
विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, मुख्यमंत्री जी भ्रम का वातावरण बना रहे हैं. मैं जब विधानसभा अध्यक्ष था तो मुख्यमंत्री से शिक्षा और अन्य विभागों पर विशेष ध्यान देने की चर्चा करता था. नेता प्रतिपक्ष ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, युवराज जी आपने यही वादा किया था, जो पहले से इंतजार में है उनकी क्यों नहीं नियुक्त कर रहे हैं. संविदाकर्मी 5 लाख हैं, उनको क्यों नही स्थायी कर रहे हैं? जबकि संविदाकर्मी की आड़ में अधिकारियों की मनमानी चलती हैं.
बता दें कि इससे पहले बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने भी आरोप लगाया कि चाचा- भतीजा (नीतीश-तेजस्वी) के नेतृत्व वाली बिहार सरकार नई नौकरी देने के नाम पर छलावा कर रही है. निखिल आनंद ने बिहार सरकार पर नियुक्ति घोटाले या ‘रिक्रूटमेंट फ्रॉड’ का आरोप लगाते हुए कहा, पटना के गांधी मैदान में 16 नवंबर को जिन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को सीएम नीतीश- डिप्टी सीएम तेजस्वी ने नियुक्ति पत्र बांटे उनकी नियुक्ति एनडीए सरकार के दौरान ही हो गई है और वे ट्रेनिंग ले रहे हैं. बावजूद इसके सरकार ने उन्हें फिर से नियुक्ति पत्र बांटने का इवेंट मैनेजमेंट किया.
निखिल आनंद ने कहा, बिहार के एनडीए सरकार के दौरान पूरी हुई यह नियुक्तियां 2-3 साल पुरानी हैं. जिन पुलिसकर्मियों को नीतीश- तेजस्वी ने जॉइनिंग दी, उन सभी को पहले ही जॉइनिंग लेटर दिया जा चुका है. दारोगा को क्षेत्रीय डीआईजी और आईजी ने एक महीने पहले ही नियुक्ति पत्र दे दिया. वहीं, सिपाही का जिले के एसपी की तरफ से जॉइनिंग लेटर दिया गया था.