(शोअबुल ईमान ३८८१, अबू हुरैरह 3)

(शोअबुल ईमान ३८८१, अबू हुरैरह 3)

तर्जमा : दीन आसान है।

सबक २ | हदीस नंबर २ इबादात पर

‎‫مفْتَاحُ الْجَنَّةِ الصَّلَاةُ।‬‎

(मुस्नदे अहमद १४६६२, जाबिर

तर्जमा : जन्नत की कुंजी (चाबी)

नमाज़ है।

सबक ३ | हदीस नंबर ३ मुआमलात पर

‎‫مَنْ غَشَّ فَلَيْسَ مِنَّا।‬‎

(तिर्मिज़ी १३१५, अबू हुरैरह )

तर्जमा : जो धोका दे वो हम (मुसलमानों) में से नहीं ।

सबक ४ | हदीस नंबर ४ मुआशरत पर

‎‫السَّلَامُ قَبْلَ الْكَلَامِ।‬‎

( तिर्मिज़ी २६९९, जाबिर 23)

तर्जमा : बात करने से पेहले सलाम करो ।

सबक ५ | हदीस नंबर ५ अख्लाकियात पर

‎‫عَلَيْكُمْ بِالصِّدْقِ।‬‎

(मुस्लिम ६८०५, अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद ) तर्जमा : हमेशा सच बात कहो ।

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