आईएमएफ में भारत के मनोनीत कार्यकारी निदेशक केवी सुब्रमण्यम ने सबसे आश्चर्यजनक स्पष्टीकरण दिया कि 2,000 रुपये का नोट काले धन के जमाखोरों को लुभाने के लिए था, ताकि सात साल बाद उन पर झपट्टा मारकर काले धन को जब्त कर लिया जाए!
आईपीएल, 2023 के पांच शीर्ष गेंदबाजों में चार स्पिनर (फिरकी गेंदबाज) हैं, राशिद खान, वाई चहल, पीयूष चावला और वरुण चक्रवर्ती। किसी आम व्यक्ति के लिए यह हैरत की बात हो सकती है, क्योंकि टी-20 को तेज मारक बल्लेबाजों के लिए अनुकूल माना जाता है, जो कि दमदार शॉट लगाकर स्पिन गेंदबाज को मैदान से बाहर का रास्ता दिखाना पसंद करते हैं।
ऐसा लगता है कि आईपीएल से मिली सीख के कारण मौजूदा भाजपा सरकार और उसके शासन के अधीनस्थ संस्थानों में स्पिन डॉक्टरों (अपने पक्ष में नजरियों को बदलने की कोशिश करने वाले) की भारी मांग है। इसकी नई फसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और उन ‘अर्थशास्त्रियों’ में देखी जा सकता है, जो कि सरकार के लिए गेंदबाजी कर रहे हैं। ऐसा एक दैवीय अवसर 19 मई, 2023 को आया जब रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये के नोटों को ‘वापस’ लेने की घोषणा की। स्पिन डॉक्टरों ने तर्क दिया कि यह ‘नोटबंदी’ नहीं है। याद करें, 2016 में भी अधिसूचनाओं और परिपत्रों में ‘वापसी’ शब्द का उपयोग किया गया था, न कि नोटबंदी का।
ऐसा लगता है कि आईपीएल से मिली सीख के कारण मौजूदा भाजपा सरकार और उसके शासन के अधीनस्थ संस्थानों में स्पिन डॉक्टरों (अपने पक्ष में नजरियों को बदलने की कोशिश करने वाले) की भारी मांग है। इसकी नई फसल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और उन ‘अर्थशास्त्रियों’ में देखी जा सकता है, जो कि सरकार के लिए गेंदबाजी कर रहे हैं। ऐसा एक दैवीय अवसर 19 मई, 2023 को आया जब रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये के नोटों को ‘वापस’ लेने की घोषणा की। स्पिन डॉक्टरों ने तर्क दिया कि यह ‘नोटबंदी’ नहीं है। याद करें, 2016 में भी अधिसूचनाओं और परिपत्रों में ‘वापसी’ शब्द का उपयोग किया गया था, न कि नोटबंदी का।
हमारे जेहन में आठ नवंबर, 2016 की तारीख ताजा हो गई। उस दिन, सम्माननीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर नाटकीय तरीके से घोषणा की कि पांच सौ और हजार रुपये के नोट अब वैध मुद्रा नहीं रह गए हैं। एक झटके में उस समय चलन में मौजूद 86 फीसदी मुद्रा को अवैध घोषित कर दिया गया। इसके फलस्वरूप अव्यवस्था फैल गई। उन भयानक दिनों को याद करने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
तर्कों के विरुद्ध
आठ नवंबर, 2016 को सरकार ने चुपके से 2,000 रुपये का नया नोट भी जारी करने का फैसला लिया। स्पिन डॉक्टरों ने इस फैसले को ‘रिमॉनिटाइजेशन’ (पुनर्मुद्रीकरण) करार दिया। लोग एक नया शब्द ‘डिमॉनिटाइजेशन’ (विमुद्रीकरण या नोटबंदी) सीख ही रहे थे और इस नए शब्द पुनर्मुद्रीकरण से उनका दिमाग चकरा गया। सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को क्यों खत्म किया और उसके साथ ही 2,000 रुपये के नोट क्यों जारी किए? पुराने नोटों को एक अलग रंग और आकार और नई विशेषताओं के साथ उसी मूल्य के नए नोटों से क्यों नहीं बदला जा सकता था?
नोटबंदी के तीन घोषित उद्देश्यों पर गौर करें, तो 2,000 रुपये के नोटों ने इनमें से एक को भी पूरा नहीं किया : फर्जी नोट का खात्मा, काले धन का पता लगाना और फर्जी नोट के जरिये होनेवाली मादक पदार्थों की तस्करी तथा आतंकी फंडिंग पर रोक। जमाखोरों, मादक पदार्थों के तस्करों और आतंकियों ने खुशी से 2,000 रुपये के नोटों का स्वागत किया, क्योंकि इसने उनके काम को आसान कर दिया। सरकार के होते हुए भी लोगों ने 2,000 रुपये के नोट से किनारा कर लिया। विनिमय के माध्यम के रूप में यह बेहद ही अनुपयोगी था। बहुत कम दुकानदार और सेवा प्रदाता 2,000 रुपये का नोट लेने को तैयार होते थे। कुछ हफ्तों के भीतर ही रोजाना के नियमित लेनदेन से 2,000 रुपये का नोट व्यावहारिक रूप से गायब हो गया। फिर भी, रिजर्व बैंक ने 2018 तक 2,000 के नोट छापना और उसे जारी करना जारी रखा। अब यह पता चला है कि 2,000 रुपये के नोटों का बड़ा हिस्सा सरकारी खजानों या बैंकों की तिजोरियों में पड़ा रहा।
शेष नोट नकदी का इस्तेमाल करने वाले लाखों लोगों के हाथों में नहीं, बल्कि आबादी के एक छोटे से हिस्से के हाथों में पहुंच गए। 2,000 रुपये के नोट को पेश ही क्यों किया गया था, इसका अब तक कोई तार्किक जवाब नहीं मिला है।
2023 में वापसी क्यों?
तर्क-विरोधी 2,000 रुपये का नोट अगले तार्किक प्रश्न को भी झुठलाता है : आखिर इसे 2023 में क्यों वापस लिया गया? बैंकों को भेजे गए रिजर्व बैंक के पत्र के अनुसार, 2,000 रुपये का नोट ‘अर्थव्यवस्था की तत्काल मुद्रा आवश्यकता को पूरा करने’ के लिए पेश किया गया था और इसने अपने उद्देश्य को पूरा कर लिया! भारत के आम लोगों को व्यावहारिक रूप से अनुपयोगी 2,000 रुपये के नोट की ‘जरूरत’ नहीं थी। उन्होंने कम मूल्यवर्ग के नोटों और विमुद्रीकरण के तुरंत बाद जारी किए गए 500 रुपये के नए नोटों का उपयोग करके अपनी आवश्यकताओं को पूरा किया। इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं था कि 2,000 रुपये के इतने करोड़ रुपये के नोट क्यों छापे गए, जबकि लोगों ने ऐसे नोटों से किनारा कर लिया था। आरबीआई का तर्क यह था कि 2,000 रुपये के नोट की सेल्फ लाइफ चार-पांच साल है, यानी वे स्वतः नष्ट हो जाएंगे। यदि ऐसा है, तो छोटे मूल्यवर्ग के नोटोंदस, बीस, पचास या सौ) का जीवन तो और भी छोटा होना चाहिए। जिस तरह समय-समय पर उन्हें नए नोटों से बदला जाता है, उसी तरह 2,000 रुपये के नोटों को भी समय-समय पर बदला जा सकता है। कहानी में जितना घुमाव है, उतना ही स्पिन डॉक्टर अपने ही झूठ के जाल में फंसते जा रहे हैं। और इस प्रक्रिया में, भारतीय मुद्रा की अखंडता में विश्वास कम होता है।
आईएमएफ में भारत के मनोनीत कार्यकारी निदेशक श्री केवी सुब्रमण्यम ने सबसे आश्चर्यजनक स्पष्टीकरण दिया था : यह काले धन के जमाखोरों को लुभाने के लिए था ताकि वे 2,000 रुपये के नोटों के रूप में अपना बेहिसाब धन रखें और फिर सात साल बाद उन पर झपट्टा मारकर काले धन को उजागर/जब्त कर लिया जाए! डॉक्टरों द्वारा गढ़ी गई सबसे विचित्र कहानी के लिए यह इग-नोबेल पुरस्कार (वैज्ञानिक अनुसंधान में दस तुच्छ उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए 1991 से प्रतिवर्ष दिया जाने वाला व्यंग्य पुरस्कार) का हकदार है। श्री सुब्रमण्यम संभवतः एक अच्छे विज्ञान फंतासी लेखक हो सकते हैं।
जमाखोरों के लिए लाल कालीन
दुर्भाग्य से, श्री सुब्रमण्यम के अपने विचित्र सिद्धांत को प्रस्तुत करने से भी कहीं अधिक तेज गति से एसबीआई ने घोषणा की कि 2,000 रुपये के नोटों को पहचान के प्रमाण के बिना, किसी भी फॉर्म को भरे बिना और स्रोत के प्रमाण के बिना किसी के द्वारा भी बदला जा सकता है! कई अन्य बैंकों ने इसका अनुसरण किया।
अब यह पूरी तरह से निश्चित है कि जिस तरह से 2016 में 500 रुपये और 1,000 रुपये के 99.3 फीसदी नोट वापस कर दिए गए थे, प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये का तकरीबन हर नोट रिजर्व बैंक के पास लौट जाएगा।
स्पिन डॉक्टरों की जमात इस कहानी को आगे बढ़ाएगी कि सात साल के कठिन प्रयासों के बाद, भारत की सर्वशक्तिमान सरकार ने सफलतापूर्वक देश में सभी काले धन का पता लगाया है, भ्रष्टाचार को समाप्त कर दिया है और मादक पदार्थों के तस्करों और आतंकवादियों और उनके फाइनेंसरों को खत्म कर दिया है!
स्पिन डॉक्टर यह साबित करने के लिए अगले भव्य अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि अब अगला सर्वश्रेष्ठ कारोबार क्या हो सकता है।