ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम पहुंच गई है.
इसके साथ ही सभी हिंदू याचिकाकर्ता भी वहां मौजूद हैं. मुस्लिम पक्ष की बात करें तो उन्होंने इस सर्वे से दूरी बना ली है.
ज्ञानवापी का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतज़ामिया मस्जिद समिति के वकील अख़लाक़ अहमद ने बीबीसी से कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकील एएसआई सर्वे में शामिल नहीं होंगे क्योंकि मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट के कल वाले फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उनका कहना है “आज सुनवाई में जैसा सुप्रीम कोर्ट कहेगा, हम वैसा करेंगे.”
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, “एएसआई का सर्वे हमारे लिए मील का पत्थर साबित होगा. आज जो सर्वे होने जा रहा है, वो अपने आप में इतिहास है.”
21 जुलाई को वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई को परिसर का सर्वे कर आज यानी 4 अगस्त को रिपोर्ट देने के लिए कहा था, लेकिन इसके खिलाफ अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद समिति सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 26 जुलाई तक के लिए सर्वे पर अंतरिम रोक लगाई थी और मुस्लिम पक्ष से कहा था कि वे इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करें.
इसके बाद याचिका की सुनवाई, 27 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने की और फैसले को सुरक्षित रखा. तीन अगस्त यानी गुरुवार को कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी और जिला अदालत के फैसले को सही बताया.
अब हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर आज, 4 अगस्त को सुनवाई होनी है.
एएसआई की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर पर किया गया है.