भारत का चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच चुका है और चांद की सतह पर सक्रिय है.विक्रम लैंडर से बाहर निकलकर प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर चल रहा है. इसरो ने गुरुवार को बताया कि जल्द प्रज्ञान रोवर की खींची तस्वीरें और इससे जु़ड़ी जानकारी साझा की जाएंगी.
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इस मिशन के बारे में बात की.
एस सोमनाथ ने कहा, ”इस मिशन के सफल होने से हमें खुशी है. इसके लिए जिन लोगों ने योगदान दिया, हम उनके शुक्रगुज़ार हैं.”
सोमनाथ बोले, ”कोई भी नाकामी एक सफल शिक्षक होती है. चंद्रयान-2 जब फेल हुआ तो हमें काफी जानकारियां मिलीं. हमें ये पता कर पाए कि क्या गलत हुआ. तब की नाकामी से सबक लिए गए, कमज़ोर चीज़ों को मज़बूत किया गया ताकि इस बार विफलता हाथ ना लगे.”
इसरो प्रमुख से पूछा गया कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए दक्षिणी ध्रुव को क्यों चुना गया?
इसके जवाब में सोमनाथ कहते हैं, ”हम दक्षिणी ध्रुव के पास उतरे हैं. यहां सतह के नीचे पानी होने की संभावनाएं ज़्यादा हैं. वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव में काफी रुचि दिखाई है. आखिरकार इंसान चांद पर जाना चाहते हैं, बसना चाहते हैं और फिर वहां से कहीं और जाना चाहते हैं. ऐसे में ये सबसे अच्छी जगह है.”
इसरो प्रमुख ने बताया कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अच्छी हालत में हैं.