धनतेरस के दिन शुक्रवार को देशभर के खुदरा बाजारों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। सोने-चांदी के अलावा वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन और अन्य उत्पादों की भी अच्छी खरीद-बिक्री हुई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक, धनतेरस पर देशभर के खुदरा बाजारों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। अकेले दिल्ली में 5,000 करोड़ रुपये की खरीद-बिक्री हुई। पिछले धनतेरस पर कुल 35,000 करोड़ का कारोबार हुआ था।
संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इस धनतेरस खरीदारी को लेकर माहौल काफी अच्छा रहा। पिछले साल की तुलना में इस बार करीब 43 फीसदी अधिक बिक्री हुई है। धनतेरस के दिन कुल बिक्री में वाहनों की हिस्सेदारी 5,000 करोड़ रुपये रही। 3,000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद बिके। 1,000 करोड़ के बर्तन बिके, जबकि 300 करोड़ रुपये की पूजा सामानों की खरीद-बिक्री हुई। इसके अलावा, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों, मिट्टी के दीये, सजावटी सामान, बंदनवार और झाड़ू की बिक्री भी पिछले साल से बेहतर रही।
इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बिक्री में 20% तक तेजी
धनतेरस पर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बिक्री पिछले साल की तुलना में 15-20 फीसदी अधिक रही। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने कहा, धनतेरस पर सभी शहरों में अच्छी भीड़ देखने को मिली। पिछले धनतेरस के मुकाबले विभिन्न श्रेणी के उत्पादों में 15 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। गोदरेज अप्लायंसेस बिजनेस के प्रमुख कमल नंदी ने बताया कि इस बार प्रीमियम इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मांग बढ़ी है। मूल्य के लिहाज से देखें तो इन उत्पादों की बिक्री पिछले साल से 20-25 फीसदी बढ़ी है।
सोना की कीमतों में हालिया गिरावट का असर, हल्के आभूषणों की मांग
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के निदेशक दिनेश जैन ने बताया कि सोने की कीमतें कारोबार के लिए अनुकूल हैं। कीमतों में हालिया गिरावट से उपभोक्ताओं में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। हीरे की कीमतें गिरने से युवा पीढ़ी में हल्के वजन के आभूषणों की मांग रही।
400 टन बिके चांदी के आभूषण
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि देशभर में करीब चार लाख छोटे-बड़े ज्वेलर्स हैं। इनमें से 1.85 लाख ज्लेवर्स भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से पंजीकृत हैं। 2.25 लाख छोटे ज्वेलर्स उन क्षेत्रों में हैं, जहां अभी बीआईएस मानक लागू नहीं है। इन सबको मिलाकर धनतेरस पर 41 टन सोने और 400 टन चांदी के आभूषणों-सिक्कों की बिक्री हुई।
बिक्री में दक्षिण भारत का 65% हिस्सा
इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के महासचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि धनतेरस पर बिके कुल 42 टन सोने में दक्षिण भारत की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 60-65 फीसदी रही। पश्चिम भारत में 20-25 फीसदी सोने बिका। कुल बिक्री में उत्तर भारत का 10-12 फीसदी और पूर्वी भारत का 5 फीसदी का योगदान रहा।