भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा ऐप मामले में एफआईआर दर्ज

भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा ऐप मामले में एफआईआर दर्ज

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ऑनलाइन महादेव सट्टा मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में एक एफआईआर दर्ज की गई है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से ब्यूरो के उप पुलिस अधीक्षक ने यह एफआईआर दर्ज़ कराई है.

भूपेश बघेल के ख़िलाफ़ यह एफआईआर ऐसे समय में दर्ज़ कराई गई है, जब भूपेश बघेल को कांग्रेस पार्टी ने राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा महादेव ऐप के मालिकों सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत कई अधिकारियों और व्यापारियों को इस एफआईआर में नामज़द किया गया है. इसके अलावा बिना नाम के ‘संबंधित ब्यूरोक्रेट्स/ पुलिस अधिकारीगण/ ओएसडीगण’ का भी उल्लेख इस एफआईआर में है.

एफआईआर में कहा गया है कि महादेव ऐप के अपराध पर होने वाली कार्रवाई को रोकने के लिए विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारीगण तथा प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया, जिसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई.

एफआईआर में कहा गया है कि अवैध राशि की व्यवस्था एवं वितरण हेतु हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल किया गया और अवैध राशि को संयुक्त अरब अमीरात तक पहुंचाया गया.

इससे पहले नवंबर में ईडी ने दावा किया था कि उसने एक कैश कूरियर का बयान दर्ज किया है, जिसने आरोप लगाया है कि महादेव ऐप के प्रमोटरों ने अब तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

क्या है महादेव ऐप

ईडी के अनुसार छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर के रहने वाले सौरभ चंद्राकर ने अपने साथी रवि उप्पल के साथ मिल कर ऑनलाइन सट्टा ऐप की शुरुआत की.

आरोप है कि बड़ी संख्या में राज्य के कई पुलिसकर्मियों ने न केवल इस धंधे को संरक्षण दिया, बल्कि इस कारोबार का हिस्सा भी बन गए.

ईडी के अनुसार 2019 में सौरभ और रवि ने अपना पूरा कारोबार दुबई से संचालित करना शुरू किया. इधर ‘महादेव बुक’ से कुछ ही महीनों के भीतर 12 लाख से अधिक सट्टेबाज़ जुड़ गए, जिसका एक बड़ा हिस्सा छत्तीसगढ़ का था.

इस कारोबार को बढ़ाने में सोशल मीडिया की सबसे बड़ी भूमिका रही. सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार करके दुनिया के कई देशों में इसके ग्राहक बनाए गए.

छत्तीसगढ़ में तो बड़ी संख्या में लोग इस ऐप की आईडी और पासवर्ड बेचने के काम में जुट गए. इस आईडी और पासवर्ड के सहारे क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाया जाने लगा और हज़ारों की संख्या में खोले गए तरह-तरह के बैंक अकाउंट के ज़रिए सारा लेन-देन होता रहा.

पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार कोरोना काल में 2020 में ‘महादेव ऐप’ का कारोबार दिन-दोगुना, रात-चौगुना रफ़्तार से आगे बढ़ा. जब बिना दर्शकों के आईपीएल क्रिकेट की शुरुआत हुई तो महादेव ऐप पर दो हज़ार करोड़ से अधिक की सट्टेबाज़ी हुई.

साल भर पहले महादेव ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर की दुबई में हुई शादी की ख़ूब चर्चा हुई थी. कहा जाता है कि इस शादी में 200 करोड़ से अधिक खर्च किए गए थे. इस शादी में शामिल होने के लिए भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री के कई कलाकार पहुंचे थे.

Chhattisgarh