शराब घोटाला मामले में फंसे अनवर ढेबर के अंतरिम जमानत आवेदन को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस बार भी अनवर ने स्वास्थ्यगत कारणों को सामने रखते हुए जमानत की मांग की थी। ईओडब्ल्यू की एफआइआर को चुनौती देते दायर की गई नितेश और यश पुरोहित की याचिका पर कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के लिए कहा है। कोर्ट ने उन्होंने जांच में सहयोग करते हुए 22 मई को ईओडब्ल्यू के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
जेल में बंद आरोपित अनवर ढेबर ने निचली अदालत से अंतरिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बीच उनके एडवोकेट ने अंतरिम जमानत आवेदन पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया, जिस पर जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की।
अनवर के अधिवक्ता ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देते हुए इसी आधार पर जमानत देने का आग्रह कोर्ट के समक्ष किया। अधिवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि याचिकाकर्ता अनवर किडनी रोग से ग्रसित है और उन्हें पेशाब करने में दिक्कतें हो रही है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया गया कि अनवर ढेबर का इलाज चल रहा है, जिसके लिए उसे अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है। जेल में उसे गार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते उसका इलाज नहीं हो पा रहा है।
ईओउब्ल्यू ने कहा- मेडिकल ग्राउंड है बहाना
ईओडब्ल्यू की तरफ से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि अनवर को गिरफ्तार किया गया था, तब भी जानबूझकर मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर लगातार अस्पताल में भर्ती हो गए। ईओडब्ल्यू ने उसका मेडिकल बोर्ड से जांच कराई है, जिसमें उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं बताई गई है। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने उसकी अंतरिम जमानत के लिए दायर आवेदन को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने उनकी नियमित जमानत अर्जी पर 10 जून के बाद अंतिम सुनवाई के लिए प्रकरण रखने निर्देश जारी किए हैं।