रायपुर: सीएम साय की राज्यपाल से मुलाकात के बाद इसे लेकर सुगबुगाहट तेज है। दरअसल 22 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में साय सरकार की कोशिश रहेगी कि उससे पहले नए मंत्रियों का विभागों में काम-काज संभाल लेना ही बेहतर है। एक पद पहले से खाली था, और बृजमोहन के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में दो पद खाली हैं। उनमें कौन से दो चेहरे फिट होने वाले हैं। ये बड़ा सवाल है। इसके अलावा चर्चा ये भी है कि खराब परफॉर्मेंस करने वाले एक दो मंत्रियों पर गाज भी गिर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो दो की जगह तीन या चार नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण जल्द देखने को मिल सकता है।
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद साय मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। इन चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्यपाल से सौजन्य मुलाकात की जिसके बाद से कयास लगने लगे हैं कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार हो सकता है।
फिलहाल साय मंत्रिमंडल में 2 मंत्री पद खाली है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या दोनों रिक्त मंत्री पद एक साथ भरे जाएंगे। बृजमोहन की जगह कौन मंत्री बनेगा। सवाल ये भी कि मंत्रियों के चयन में किन बातों को प्राथमिकता दी जाएगी। खैर इन सवालों के जवाब तो मंत्रिमंडल विस्तार के बाद हो जाएगा। फिलहाल रायपुर से बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्रा ने रायपुर से एक मंत्री बनाने की मांग कर दी है।
पुरंदर मिश्रा ने मंत्री बनने की ख्वाहिश पूरी होती है या नहीं, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन कांग्रेस तंज कस रही है कि मंत्री पद के लिए बीजेपी में गुत्थम गुत्था चल रही है, सीएम यही बताने राज्यपाल के पास गए थे।
मंत्रिमंडल में सरगुजा और बिलासपुर संभाग का दवदबा है। सरगुजा से मुख्यमंत्री समेत 4 लोग हैं, तो बिलासपुर संभाग से एक उपमुख्मंत्री समेत 3 मंत्री शामिल हैं। बस्तर और रायपुर संभाग से सिर्फ एक-एक मंत्री हैं, जबकि साय मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री को मिलाकर कुल 11 लोग शामिल हैं, जिनमें दुर्ग संभाग से 2 मंत्री हैं।
वहीं जातीय समीकरण को देखें तो मुख्यमंत्री समेत 3 ST, 1 SC, 1 सामान्य, 6 ओबीसी हैं। अगर जातिय समीकरण से मंत्रियों चयन किया जाता है तो एक सामान्य और एक SC बढ़ाया जा सकता है। इस समीकरण के हिसाब से रायपुर संभाग से किसी विधायक की लॉटरी लग सकती है। अब वो कौन होगा। ये बड़ा सवाल है।