छत्तीसगढ़ में एक छोटा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में दो- तीन दिनों से इसकी चर्चाएं बड़ी तेज है। इस फेरबदल में कुछ जिलों के कलेक्टर भी इधर-से-उधर किए जाएंगे। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि संख्या ज्यादा नहीं होगी। बदले जाने वाले कलेक्टरों की संख्या दो-तीन हो सकती है.
वैसे, लोकसभा चुनाव के बाद से कुछ कलेक्टरों के बदले जाने की चर्चाएं चल रही थीं। मगर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अतिव्यस्त कार्यक्रमों की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पाया। पिछले सप्ताह भी लिस्ट निकलने की खबर चल रही थी मगर बताते हैं, केद्रीय वित्त आयोग के दौरे की वजह से आईएएस ट्रांसफर स्थगित कर दिया गयाथा।
भी सामने आ रहा है। प्रशासनिक सर्जरी को छोटा इसलिए कहा जा रहा कि अधिक-से-अधिक आधा दर्जन आईएएस अधिकारी इससे प्रभावित होंगे। दरअसल, किसी को हटाया जाता है, उसकी जगह पर किसी को कहीं से हटाकर भेजा जाता है। इससे एक चेन बन जाता है। सूत्रों का ये भी कहना है कि लिस्ट पर चर्चा हो चुकी है। सब कुछ ठीक रहा तो आजकल में आदेश निकल जाएगा। सब कुछ ठीक-ठाक इसलिए लिखा जा रहा कि आईएएस का ट्रांसफर का एक संयोग होता है। कई बार आजकल होते-होते महीने भी निकल जाते हैं। यह पूरा मसला जरूरत और मुख्यमंत्री की सहूलियत याने उनके फ्री रहने पर निर्भर करता है। मुख्यमंत्री का शेड्यूल इतना टाईट रहता है कि सीएम सचिवालय के अधिकारी चाह कर भी उनसे बात नहीं कर पाते। और यह भी सही है कि जब ट्रांसफर होना होता है तो फिर घंटे भर में नोटशीट तैयार होकर आदेश निकल जाता है। सीएम के साथ उनके सचिवालय के अफसर बैठते हैं, लिस्ट पर चर्चा होती है, मुख्यमंत्री ओके किए और आदेश टाईप होने चला जाता है। सभी राज्यों में लगभग ऐसा ही होता है।