पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत ने स्पेन को हराकर ओलंपिक खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीत लिया है. टोक्यो में हुए पिछले ओलंपिक खेलों में भी भारत ने कांस्य पदक जीता था.
आज एक वक़्त स्पेन 1-0 से आगे चल रहा था लेकिन भारत ने भी वापसी करते हुए स्कोर को 1-1 की बराबरी पर ला दिया. भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह अपनी टीम के लिए पहला गोल पेनाल्टी कॉर्नर के ज़रिए किया.
भारत की ओर से दूसरा गोल भी हरमनप्रीत ने किया और अपने प्रतिद्वंद्वी पर 2-1 से बढ़त बना ली. हरमनप्रीत अब तक पेरिस ओलंपिक में 11 गोल दाग चुके हैं.
इस मैच में फ़र्स्ट रशर अमित रोहिदास की वापसी हुई थी.
रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन के ख़िलाफ़ क्वार्टर मैच में रेड कार्ड मिला था और उन्हें एक मैच पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस कारण वो सेमीफ़ाइनल मैच में नहीं खेल पाए थे.
भारत को सेमीफ़ाइनल में जर्मनी के हाथों 3-2 से हार का सामना करना पड़ा था. जबकि स्पेन को नीदरलैंड्स से क़रारी हार मिली थी.
गोल्ड का सपना ऐेसे टूटा
सेमी फ़ाइल में जर्मनी के ख़िलाफ़ भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाया था. भारत ने पहले क्वार्टर में सातवें मिनट में ही गोल कर बढ़त बना ली थी. यह गोल भी हरमनप्रीत सिंह ने किया था.
लेकिन भारत की लय बरकरार नहीं रही. हालांकि तीसरे क्वार्टर में भारत ने दो दो गोल की बराबरी कर ली थी.
इस मैच में भारतीय टीम को रोहिदास की कमी खली. टीम के खिलाफ पेनल्टी कॉर्नरों को लेते समय रशर के रूप में और जर्मनी के हमलों के समय बचाव में भी कमी साफ़ दिखी.
इस मुकाबले से पहले तक यह माना जा रहा था कि भारतीय टीम मानसिक रूप से बहुत मजबूत हुई है. पर आखिरी क्वार्टर में जब जर्मनी ने तीसरा गोल जमाकर बढ़त बना ली तो टीम में बिखराव दिखने लगा.
भारतीय हॉकी का गोल्डन इतिहास ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का रिकॉर्ड स्वर्णिम रहा है.
भारत ने ओलंपिक खेलों में अबतक कुल 12 पदक जीते हैं.
1936 का बर्लिन के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का ज़िक्र आजतक होता है. तब जर्मनी में नाज़ी पार्टी का शासन था और हिटलर खुद मैच देखने पहुंचा था.
भारत ने अब तक आठ गोल्ड मेडल, एक रजत (1960) चार कांस्य (1968 और 1972) पदक जीते हैं.
आखिरी बार उसने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड जीता था. अगर जर्मनी के ख़िलाफ़ भारतीय टीम सेमीफ़ाइनल में जीतकर फ़ाइनल में जगह बनाती तो ऐसा 44 साल बाद होता.
भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक आख़िरी बार गोल्ड 1980 में जीता था. इसके 41 साल बाद उसे टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज मिला.