महाराष्ट्र में कांग्रेस की हार के बाद एक बार फिर से ईवीएम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने बुधवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर बैलेट पेपर से वोटिंग शुरू नहीं की जाती है तो कांग्रेस पार्टी आने वाले चुनाव नहीं लड़ेगी। जगदलपुर में संवाददाताओं से बात करते हुए लखमा ने कहा कि उनकी पार्टी बैलेट पेपर से वोटिंग कराने को लेकर आंदोलन करेगी।
कांग्रेस नहीं लड़ेगी अगला चुनाव
कवासी लखमा ने कहा- ‘‘कांग्रेस पार्टी अगला चुनाव तब तक नहीं लड़ेगी, जब तक कि बैलेट पेपर से चुनाव नहीं कराए जाते। कांग्रेस सभी ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों से इस मुद्दे पर बात करेगी और देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी।’’ बता दें कि दिल्ली दौरे पर रवाना होने से पहले पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि 29 तारीख को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ईवीएम के खिलाफ आंदोलन को लेकर फैसला हो सकता है।
कवासी लखमा की मांग- ईवीएम से हो चुनाव, कहा- आंदोलन करेगी कांग्रेस
खरगे के बयान पर बोले कवासी लखमा
कवासी लखमा ने कहा- ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी ने संविधान दिवस के मौके पर एक बयान दिया था। अब गठबंधन के सहयोगियों के साथ बैठकें होंगी। वर्तमान में लोकसभा का सत्र चल रहा है। ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों के साथ बैठक के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। कांग्रेस ने बड़ा आंदोलन करने का मन बना लिया है।’’ मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को ईवीएम की आलोचना की थी। उन्होंने चुनावों के लिए पहले इस्तेमाल की जाने वाली बैलेट पेपर प्रणाली को फिर से वापस लाने की मांग की थी।
बड़े-बडे देशों में बैलेट पेपर से हो रहा है चुनाव
कवासी लखमा ने कहा कि बड़े-बडे़ देशों में भी बैलेट पेपर से चुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी अमेरिका में चुनाव हुए। वहां भी बैलेट पेपर से चुनाव कराए गए। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव प्रचार के लिए गया। वहां लोगों ने कहा कि हम तो कांग्रेस को वोट देंगे लेकिन मशीन का क्या होगा। वहां के लोगों ने मुझसे कहा कि चुनाव बैलेट पेपर में ही होना चाहिए। वोटर्स की मांग के बाद कांग्रेस पार्टी अब भी मांगकर रही है।
महाराष्ट्र में हुई है कांग्रेस की हार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए थे। इस उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की करारी हार हुई थी। कांग्रेस उम्मीदवार को उतने वोट नहीं मिले थे जितने वोटों से बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिली थी।