बांग्लादेश के दक्षिण पूर्व में स्थित Rohingya camp fire में आग लगने की वजह से 12 हज़ार लोग बेघर हो गए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक कॉक्स बाज़ार में लगी आग को नियंत्रित कर लिया गया है और नुक़सान का अंदाज़ा लगाया जा रहा है.
आग की इस घटना में अभी किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है. आग के कारणों का भी पता नहीं चल सका है.
म्यांमार से भागे क़रीब दस लाख रोहिंग्या शरणार्थी बंग्लादेश में कैंपों में रहते हैं.
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इन भीड़ भरे कैंपों में आग लगना कोई नई बात नहीं है.
पिछले साल जनवरी में उखिया Rohingya camp fire (शरणार्थी कैंप) में लगी आग में 600 घर जल गए थे.
पिछले साल मार्च में लगी एक और आग में क़रीब दस हज़ार शेल्टर जले थे और पंद्रह लोगों की मौत हो गई थी.
मौके पर मौजूद एक स्थानीय पत्रकार के मुताबिक तेज़ हवा की वजह से आग फैलती चली गई.
प्रशासन को आग बुझाने के लिए कई घंटों तक मशक्कत करनी पड़ी.
कैंप में आग लगने के बाद यहां रह रहे रोहिंग्या परिवारों ने पास की पहाड़ी पर शरण ली है.
म्यांमार में सेना के हमलों के डर से भागे रोहिंग्या बेहद मुश्किल हालात में रहते हैं.
भारत में भी कई बार रोहिंग्या लोगों के कैंप में आग लग चुकी है.