राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर कहा कि देश में ज़मीनी स्तर पर तो महिलाओं की भागीदारी बेहतर है लेकिन जैसे-जैसे हम संस्थाओं में उच्च पदों की ओर बढ़ते हैं तो यहाँ काफ़ी कम महिलाएं दिखती हैं.
राष्ट्रपति मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय महिलाओं की अडिग इच्छाशक्ति पर लिखा हुआ अपना लेख साझा किया. उनका ये लेख समाज में महिलाओं की स्थित को लेकर था.
लेख में देश में महिला सशक्तीकरण के उदाहरणों की सराहना करते हुए कहा गया, “21वीं सदी में जब हमने हर क्षेत्र में अकल्पनीय प्रगति की है तो आज तक कई देशों में कोई भी महिला राज्य या सरकार की प्रमुख नहीं बन पाई है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति के रूप में मेरी नियुक्ति महिला सशक्तीकरण का एक उदाहरण है.”
उन्होंने ये भी लिखा, “संस्थाओं में निचले स्तर पर तो महिलाओं की अच्छी भागीदारी है लेकिन उच्च पदों पर महिलाओं की भागीदारी काफ़ी कम होती है.”
“मेरा दृढ़ विश्वास है कि समाज में व्याप्त मानसिकता को बदलने की ज़रूरत है. एक समृद्ध समाज के निर्माण के लिए लैंगिक असमानता पर आधारित पूर्वाग्रहों को समझना और उन्हें ख़त्म करना ज़रूरी है.”