महादेव सट्टा ऐप मामला : 17 डमी कंपनियों के नाम से शेयर मार्केट में किया गया है बड़ा निवेश?

महादेव सट्टा ऐप मामला : 17 डमी कंपनियों के नाम से शेयर मार्केट में किया गया है बड़ा निवेश?

रायपुर : महादेव सट्टा ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को रायपुर की स्पेशल PMLA कोर्ट में 2000 से अधिक पन्नों की तीसरी सप्लीमेंट्री (पूरक) चार्जशीट फाइल कर दी है। चार्जशीट में 8 आरोपियों और सट्टेबाजी हवाला लेन-देन से जुड़ी 17 कंपनियों के नाम शामिल हैं।

इसके अलावा चार्जशीट में ED ने हरिशकंर टिबरेवाल, संदीप मोदी, कमल किशोर, प्रशांत बागरी और दो अन्य आरोपी फरार घोषित किया गया है। यह भी बताया गया है कि सूरज चोखानी और गिरीश तलरेजा पहले से ही गिरफ्तार हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि आरोपी टिबरेवाल ने महादेव ऐप प्रमोटर की सट्टेबाजी ऐप स्काई एक्सचेंज का प्रमुख साझेदार है।

आरोप है कि उसने स्काई एक्सचेंज से अर्जित राशि को 17 भारतीय डमी कंपनियों और ऑफशोर कंपनियों के माध्यम से शेयर बाजार में इन्वेस्ट किया। ये डमी कंपनियां, टिबरेवाल के करीबी सहयोगी और गिरफ्तार आरोपी सूरज चोखानी के निर्देशन में काम करती थीं।

आरोप पत्र में इन कंपनी का नाम शामिल : ED ने आरोप पत्र में 17 कंपनियों के नाम शामिल है । ये कंपनी ने स्काई एक्सचेंज के जिरए सट्टेबाजी के ब्लैक मनी को शेयर बाजार में वाइट करने में शामिल है।

01) मेसर्स एबिलिटी गेम्स प्राइवेट लिमिटेड
02) मेसर्स एबिलिटी स्मार्टटेक प्राइवेट लिमिटेड
03) मेसर्स एबिलिटी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड
04) मेसर्स ब्रिलिनेंट इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
05) मेसर्स डिस्कवरी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड
06) मेसर्स फॉरेस्ट विनकॉम प्राइवेट लिमिटेड
07) मेसर्स स्वर्ण भूमि वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड
08) मेसर्स ड्रीम अचीवर्स कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड
09) मेसर्स इकोटेक जेनरल ट्रेडिंग एलएलसी
10) मेसर्स कैटरफील्ड ग्लोबल डीएमसीसी–(दुबई स्थित कंपनी)
11) मेसर्स प्लस कमोडिटीज डीएमसीसी–(दुबई स्थित कंपनी)
12) मेसर्स जेनिथ मल्टी ट्रेडिंग डीएमसीसी (दुबई स्थित कंपनी)

ED की जांच के दौरान पता चला है कि कथित तौर पर टिबरेवाल के निर्देश पर स्टॉक पोर्टफोलियो में 423 करोड़ रुपए 29 फरवरी तक डायवर्ट किए गए। ED के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर निवेश स्मॉल और मिडकैप शेयरों में थे।

ईडी ने टिबरेवाल और उनके सहयोगियों के नियंत्रण में स्टॉक पोर्टफोलियो में 580 करोड़ रुपए की प्रतिभूतियां रखने वाली भारतीय कंपनियों की पहचान की है और उन्हें जब्त कर लिया है। यह भी पता चला है कि विदेशी संस्थाओं ने भी एफपीआई के जरिए भारत में निवेश किया।

ED की जांच में सट्टेबाजी के कारोबार से हुई इनकम को इन कंपनियों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शेयर बाजार में निवेश करने के सबूत भी मिले हैं। एक एक्सेल शीट भी बरामद हुई है। इसमें इन कंपनियों ने पेशेवर एंट्री ऑपरेटरों की मदद से सट्टेबाजी फंड को बैंक प्रविष्टियों में बदल दिया। ऐसा बैंक खातों में बैंक बैलेंस प्राप्त करने के लिए किया गया था।

ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपी गिरीश तलरेजा भोपाल का हवाला ऑपरेटर है, जो लोटस 365 का प्रमोटर है। ईडी की जांच में उसके भोपाल के शुभम सोनी और रतनलाल जैन से संबंध का खुलासा हुआ है। शुभम सोनी, प्रदीप तलरेजा और रतनलाल जैन के बीच करोड़ों रुपए के बड़े लेन-देन का पता चला है। जांच से पता चला है कि प्रदीप तलरेजा भी महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों में से एक है।

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