रेणुका सिंह के अच्छे दिन कब आएंगे ?
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रेणुका सिंह के अच्छे दिन कब आएंगे ?

राजनीति गलियारों में चर्चा है,रेणुका सिंह के अच्छे दिन कब आएंगे ? केंद्र में मंत्री रही रेणुका सिंह राज्य में मंत्री भी नहीं बन पाई। मुख्यमंत्री के लिए रेणुका सिंह का नाम खूब चला। लोग…

रफ़ी साहब गंगा – जमुनी तहज़ीब की मिसाल थे हिन्दू – मुस्लिम एकता बेमिसाल प्रतीक !!
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रफ़ी साहब गंगा – जमुनी तहज़ीब की मिसाल थे हिन्दू – मुस्लिम एकता बेमिसाल प्रतीक !!

रफी साहब के जन्मदिन के मौके पर ! बीबीसी ने पुरी दुनिया में रहने वाले 30 लाख हिंदुओं पर एक सर्वे कराया था, कि हिंदुओं का सबसे प्रिय भजन कौन सा है ? इस सर्वे…

बहरों को सुनाने के लिए धमाकें की जरूरत होती है…
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बहरों को सुनाने के लिए धमाकें की जरूरत होती है…

बहरों को सुनाने के लिए धमाकें की जरूरत होती है कहकर 8 अप्रैल 1929 को सेन्ट्रल असेम्बली में भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने ऐसी जगह बम फेंका था जहां जान - माल का नुक़सान न…

182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नामक सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बेमिसाल शानदार है, लेकिन इतिहास जानता है, लौह पुरुष की शख्सियत की ऊंचाई अमापक अतुलनीय है !
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182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नामक सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बेमिसाल शानदार है, लेकिन इतिहास जानता है, लौह पुरुष की शख्सियत की ऊंचाई अमापक अतुलनीय है !

अफ़सोस हम यह मैच हार गये। देश के पहले गृहमंत्री लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची लौह निर्मित मूर्ति गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में सरदार सरोवर बांध के करीब स्थापित की…

भविष्य में छाने वाली घटाटोप अंधकार के लिए रौशनी की तलाश में वर्तमान प्रधानमंत्री पूर्व राष्ट्रपति के घर जाकर दिया जलाया !
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भविष्य में छाने वाली घटाटोप अंधकार के लिए रौशनी की तलाश में वर्तमान प्रधानमंत्री पूर्व राष्ट्रपति के घर जाकर दिया जलाया !

मोदीजी के इस गणितीय आचरण को संस्कार और परम्परा की श्रेणी से नही देखा जा सकता। मोदीजी को संस्कार परम्परा ही यदि निभानी होती तो अपने गुरूतुल्य अग्रज लालकृष्ण आडवाणी के घर जाते, लेकिन वहां…

चुनाव में मतदान के दौरान तर्जनी ऊंगली पर लगने वाली स्याही की कहानी
Chhattisgarh Special

चुनाव में मतदान के दौरान तर्जनी ऊंगली पर लगने वाली स्याही की कहानी

चुनाव में मतदान के दौरान तर्जनी ऊंगली पर लगने वाली स्याही की कहानी, जो लोकतंत्र की‌ प्राणलहू है, जो लोकतंत्र की धमनियों में लहू के मानिंद बहकर लोकतंत्र को जीवंत बनाती है ! देश में…

लगता है चुनाव आने वाला है……
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लगता है चुनाव आने वाला है……

उद्योगपति पराग देसाई के बाग - बकरी चाय का विज्ञापन नही है। प्रोफेसर अशोक चक्रधर के बाग - बकरी के सद्भावना से लबरेज कविता है। जंगल के चुनाव का संभावित विजेता वनराजा शेर शान्तिपूर्ण चुनाव…

राजनांदगांव विधानसभा का आजाद भारत का पहला चुनाव वर्ष 1952 से 2023 के चुनाव का सिलसिलेवार ब्यौरा
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राजनांदगांव विधानसभा का आजाद भारत का पहला चुनाव वर्ष 1952 से 2023 के चुनाव का सिलसिलेवार ब्यौरा

1952 के आमचुनाव से ही विशेष तौर पर राजनांदगांव के विधानसभा का पंचवर्षीय चुनावी दंगल रोचक रहा है। क्योंकि इतवारी दंगल ( मल्लयुद्ध ) की परम्परा राजनांदगांव में रही है। चुनाव तो दलयुद्ध है इसे…

नक्शे में इंसान क्यों नहीं ?
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नक्शे में इंसान क्यों नहीं ?

इतिहास ने भारत का जो नक्शा बनाया है, उसमें नदी, नाले, पेड़, पर्वत, वन - धन ( खनिजों ) को तो दर्शित किया है। लेकिन नक्शे के ओर - छोर में कहीं भी किसी ओर…

2018 में राज्य का और 2019 में केन्द्र का सम्पन्न हुआ था चुनाव, दोनों दलों को मिला था प्रचण्ड बहुमत !
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2018 में राज्य का और 2019 में केन्द्र का सम्पन्न हुआ था चुनाव, दोनों दलों को मिला था प्रचण्ड बहुमत !

वर्ष 2020 बीत रहा था, नई सरकारों से उम्मीदों में, वर्षान्त बीतने की बेला में महामारी की आशंका देश को घेरने लगी। विश्वगुरु, जिसे पप्पू कहते थे, वास्तव में वह गांधी थे। वहीं गांधी जिसने…